मध्यप्रदेश के मुरेना ज़िले के जौरा के एक साथ 16 अभ्यर्थी में से एक त्यागी परिवार के अभ्यर्थी रामकांत त्यागी है , जिनका लेफ़्ट साइड से पूरा हिस्सा पोलियो ग्रस्त है। भगवान ने ज़रूर रमाकान्त के शरीर के साथ नाइंसाफ़ी की हो पर उनका दिमाग़ और लोगों की अपेक्षा अच्छा दिया है वो कोई भी चीज़ को पढ़ते है उनको याद हो जाता है, वो MPPSC का इंटर्व्यू दे चुके है और तीसरी बार mains लिख रहे है और शायद इस बार ओफिसर भी बन जाए। वो भी पटवारी के घोटाले में शक की निगाह में है।
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रमाकान्त कहते है जो पूछना है पूछा लो?
रमाकान्त त्यागी मुरेना जिले के जोरा क़स्बे के है ये वही क़स्बा है जो इन दिनो MP patwari घोटाला के निशाने पर है इस क़स्बे के 16 दिव्यांग अभ्यर्थी पटवारी बने है। जिनका सरनेम त्यागी है और उन 16 में से 15 अभ्यर्थी अंडर ग्राउंड है केवल रमाकान्त ही सामने आ रहे है और बोल रहे है कि जो पूछना है पूछ लो, दुबारा परीक्षा करनी है तों करा लो में फिर से परीक्षा देने को तैयार हूँ। में पढ़कर पास हुआ हूँ।रमाकान्त भी उसी मुरेना क़स्बे के निवासी है जहां 16 दिव्यांग एक साथ patwari बने है।
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क्या -क्या दिक़्क़तों का सामना किया रमाकान्त ने।
रमाकान्त बताते है कि वे अपंग पैदा हए थे। 12 साल की उम्र तक कुछ बोल भी नही पाते थे। घर बालों ने खूब इलाज करवाया पर कोई भी लाभ नही हुआ फिर जब उनको ज़िंदगी का कोई मक़सद दिखाई नही दिया तो उन्होंने पढ़ाई को ही ज़िंदगी का आधार बना लिया और खूब पढ़ाई करने लगे और हर exam में अच्छे नम्बर से पास होने लगे।
रमाकान्त बताते है की उन्होंने 5वी कक्षा में मुरेना में नवोदय में दाख़िला लिया था 11-12वी उन्होंने PCM मैथ से की थी इसके बाद वो 2012 से 2016 तक जबलपुर से Btec किया।
2017 के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी उन्होंने बताया कि वो MPPSC इग्ज़ाम में 2 बार interview दे चुके है वे 9 अगस्त से होने वाले interview में भी भाग लेंगे।
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कितने भाई-बहन है रमाकान्त?
रमाकान्त 4 भाई-बहन है 2 बहन और 2 भाई दोनो बहनो की शादी हो चुकी है और उनका छोटा भाई MP police की तैयारी कर रहा है।
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patwari exam में सफलता से घर वाले हुए थे बहुत खुश।
रमाकान्त बताते है कि उनके घर वाले चाहते थे की वे जल्द से जल्द नोकरी में लग जाए इसलिए उन्होंने MP Patwari exam दिया था जिसमें वह पास भी हो गए थे।
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16 फ़र्ज़ी अभ्यर्थी में भी उछाला जा रहा है रमाकान्त का नाम।
जोरा के दिव्यांग 16 अभ्यर्थी जो patwari बनाने है उनके साथ रमाकान्त का नाम भी जोड़ा जा रहा है जिस से उनका घर से निकलना भी दूभर हो रहा है। उनकी मानसिक हालत भी खरब हो रही है उनको लोग भरा बुरा बोल रहे है।
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रमाकान्त बोले में नही चाहता किसी फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र लगाकर नोकरी पाए।
रमाकान्त कहते है कि कोई फ़र्ज़ी दिव्यांग फ़र्ज़ी प्रमाणपत्र लगाकर नोकरी ना पाए बल्कि जो उसका हक़दार है उसको नोकरी मिले।
इसी प्रकार का मामला शिक्षक भर्ती के मामले में आया था उसमे भी जब शारीरिक परीक्षण की बारी आई तो अनेक उम्मीदवार उपस्थित नहीं हुए थे उस समय भी माना जा रहा था की इन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर परीक्षा में अवैध तरीके से शामिल होकर परीक्षा पास की है परंतु इन लोगो को उचित सजा ना मिलने के कारण इनको बल मिल रहा है
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1 thought on “MP Patwari exam में पास हुए जौरा के 16 दिव्यांग में से एक रमाकान्त की कहानी।”