MP Divyangta jachne ke adesh
फ़र्ज़ी दस्तावेज लगाकर नोकरी कर रहे 77 शिक्षकों को बर्खास्त के बाद अब सरकार divyangta दिव्यांग कर्मचारियों पर कार्यवाही कर रही है ओर उनकी divyangta की जाँच कर रही है।
सरकार ने सभी शिक्षक जो divyangta दस्तावेज लगाकर शिक्षक बने है उनका मेडिकल करवाए जाने के आदेश से MP में हड़कम्प मचा हुआ है।
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अलग-अलग ज़िलों के 113 शिक्षक अपात्र होने के डर से मेडिकल करवाने पहुँचे ही नही।
प्रदेश के लगभग अलग-अलग ज़िलों के लगभग 113 शिक्षक अपात्र होने के डर से जिला मेडिकल बोर्ड के सामने Divyangta दिव्याँगता पहुँचे ही नही।
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जो हाज़िर नही हुए उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही होगी?
Divyangta की जाँच करने नही पहुँचे शिक्षकों के ख़िलाफ़ अभी तक विभाग ने कोई कटवायी नही की है पर आगे कटवायी के असर देखी देते है।
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divyangta kya hai?
कोई व्यक्ति जो किसी चिकित्सा अधिकारी के दौरा प्रमाणित किया जाता है की वह शारीरिक रूप से कोई अंग 40 प्रतिशत काम नही करता तो वह divyangta की श्रेणी में आता है।
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कौन बनाता है divyangta certificate?
Divyangta सर्टिफ़िकेट चिकित्सा विभाग का अधिकारी मेडिकल जाँच के बाद बनाता है।
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जो शिक्षक संदिग्ध पाए गए उनके साथ क्या हुआ?
divyangta जाँच में जो शिक्षक संदिग्ध पाए गए उनको मेडिकल बोर्ड ने रीजनल बोर्ड के पास पुनः जाँच के लिए भेज दिया गया है।
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किस ज़िले से कितने शिक्षक अपात्र एवं संदिग्ध पाए गए?
टीकमगढ़ , निवाडी में दो-दो , दमोह में तीन, ओर शिवपुरी में एक शिक्षक Divyangta में अपात्र पाए गए। यहाँ जाँच में अपात्र होने के डर से मुरेना के दो, छतरपुर के तीन ओर शिवपुरी के एक शिक्षक ने जाँच के डर से इस्तीफ़ा दे दिया।
divyangta की जाँच के डर से 6 शिक्षकों ने इस्तीफ़ा दे दिया।
झूठा divyangta प्रमाणपत्र लगा कर नोकरी कर रहे 6 शिक्षकों ने इस्तीफ़ा दे दिया इनमें 2 मुरेना के है, 3 छतरपुर के है, ओर एक शिक्षक शिवपुरी का है।
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मुरेना ज़िले में अभी तक नही हुआ जाँच का आदेश?
जानकारी के अनुसार, जिस मुरेना जिले में सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ी divyangta certificate बने उस जिले में अभी तक जाँच के आदेश नही हुए ओर ना ही कोई सूचना प्राप्त हुई है।
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किन ज़िलों के मेडिकल बोर्ड ने जाँच करने से इंकार कर दिया?
divyangta के झूठे प्रमाणपत्र लगाकर नोकरी कर रहे लोगों की जाँच के आदेश को कुछ ज़िलों के मेडिकल बोर्ड ने जाँच करने से इंकार कर दिया इन ज़िलों में शयोपुर, अशोकनगर, राजगढ़ एसे ज़िले है जिन्होंने divyangta जाँच करने से मना कर दिया।
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जिन ज़िलों ने divyangta जाँच का मना किया है उसके पीछे क्या तर्क दिए है।
अशोकनगर, राजगढ़ , शयोपुर के मेडिकल बोर्ड के सिविल सर्जन ने कारण बताया है की पूर्व में certificate जिला मेडिकल बोर्ड से बने तो दुबारा यहाँ से जाँच करना उचित नही है। उन्होंने बोला की जाँच संभागीय बोर्ड के दौरा करवाई जाए पर कुछ डॉक्टर ने बताया कि कुछ संदिग्ध लोग भी है। यदि जाँच की जाए तो संदिग्ध अपात्र हो सकते है ओर डॉक्टर कोई विवाद में नही फँसना चाहते।
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कमिश्नर ने जाँच के आदेश दिए है।
divyangta सर्टिफ़िकेट लगाकर शिक्षक की नोकरी पाने वाले लोगों के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश लोक संचनालय के कमिश्नर अनुभा श्रीवास्तव ने भले ही दे दिए हो पर जिला शिक्षा अधिकारी इस को ठंडे बस्ते में डाल रहे है क्यों की बहुत लोग इसमें अपात्र निकलेंगे ओर बेवजह विवाद की स्थिति पैदा होगी।
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इन जिलों में देखा ज़्यादा असर।
मुरेना- मुरेना ज़िले में ही सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ी divyangta certificate बने।
मुरेना ज़िले में सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ी तरीक़े से divyangta सर्टिफ़िकेट बने पर सबसे धीमी जाँच यही पर हो रही है। 22 शिक्षकों को मेडिकल की जाँच होना था पर अभी तक जाँच तक नही हुई। मुरेना के डीओ साहब ने जाँच के आदेश दिए तो तीन शिक्षकों ने इस्तीफ़ा दे दिया।
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शिवपुरी– शिवपुरी में 64 में से केवल 46 जाँच करवाने आए, 20 रहे अनुपस्थित।
divyangta की जाँच करने की लिए 64 शिक्षकों को बुलाया पर केवल 46 उपस्थित हुए जिनमे से 26 शिक्षकों को divyangta बोर्ड ने संदिग्ध माना। जिनको ग्वालियर रीजनल बोर्ड में पुनः जाँच करने के लिया बोला गया
दमोह- 3 शिक्षकों की divyangta 40 प्रतिशत से कम निकली, पाँच जाँच करने ही नही आए।
जिला मेडिकल बोर्ड ने 18 शिक्षकों को divyangta जाँच के लिए बुलाया था पर सिर्फ़ 13 ही आए जिनमे से 3 शिक्षक divyangta श्रेणी में 40 प्रतिशत से कम पाए गए। ओर पाँच शिक्षक अनुपस्थित रहे।
टीकमगढ़- 18 में से 16 अनुपस्थित रहे, 2 शिक्षक divyang ही नही निकले।
टीकमगढ़ में 2 शिक्षक divyangta में पास नही हुए , 16 अनुपस्थित रहे।
निवाडी- 2 शिक्षकों में divyangta नही मिले बाक़ी को संभागीय बोर्ड को रैफ़र किया।
निवाडी में 12 शिक्षकों को जाँच के लिए बुलाया था जिनमे से 2 Divyangta 40% से कम निकले बाक़ी को संभागीय बोर्ड के पास भेजा गया।
छतरपुर- तीन शिक्षकों ने इस्तीफ़ा दिया, 19 परीक्षण करने नही पहुँचे।
divyangta की जाँच के लिए 82 शिक्षकों को जाँच के आदेश दिए थे जिन में 19 शिक्षक अनुपस्थित रहे कुछ शिक्षकों की diwyangta 40 प्रतिशत से नीचे रही जिनको संभागीय बोर्ड के पास भेजा गया।
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