Kargil विजय दिवस को हुए पूरे 24 साल kargil war जिस को भारत सरकार ने नाम दिया था “ऑपरेशन विजय” यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के kargil कारगिल ज़िले में लड़ा गया था इसलिए इसको नाम दिया गया था कारगिल युद्ध। kargil war भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में मई और जुलाई के मध्य लड़ा गाया था।
Kargil war ke kya karan the- किस कारण से लड़ा गया था कारगिल युद्ध?
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kargil war ke time India ke PM kaun the- कारगिल युद्ध के समय भारत के प्रधानमंत्री कौन थे?
kargil war क़े समय भारत के प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी वाजपेयीजी थे, kargil युद्ध के साल ही उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की थी।
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Kargil war ke time India ke rashtrapita kaun the-कारगिल युद्ध के समय भारत के राष्ट्रपति कौन थे?
kargil युद्ध के समय भारत के राष्ट्रपति के. आर. नारायण थे जो भारत के 10 वे राष्ट्रपति थे।
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kargil war ke time Pakistan ke PM koun the- कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कौन थे?
kargil युद्ध के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ थे ।
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kargil war के महान सैनिक कौन थे?
kargil युद्ध में 17 बटालियन थी वैसे तो हर सैनिक हर युद्ध में महान ही होता है पर फिर कुछ नाम है जो अपनी छाप इतिहास के पन्नो में छोड़ कर गए है ।
1. मनोज पांडे- कैप्टन मनोज पांडे उतरप्रदेश के सीतापुर के रहने वाले मनोज पांडे kargil युद्ध में माँ भारती के लिए शहीद हो गए।
2. योगेन्द्र यादव- खून में लथपथ योगेन्द्र सिंह यादव भी kargil युद्ध में शहीद हो गए थे।
3. विक्रम बन्ना- कप्तान विक्रम बन्ना जो हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे भारत माता के लिए शहीद हो गए।
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kargil war me kis tarikh ko kya hua-कारगिल युद्ध में किस तारीख़ को क्या हुआ?
3 मई 1999
Kargil में भारतीय गाय बकरी चरने वाले भारतीय सेना को पाकिस्तानी गतिविधि की जानकारी देते है।
5 मई 1999
भारतीय सेना के 5 जवानो को गश्त पर भेजा गया था जिनको पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया और जान से मार दिया।
6 मई 1999
पाकिस्तानी सेना ने भारतीय गोला बारूद की ढेर को नष्ट कर दिया ।
10 से 25 मई 1999
आगे की पाकिस्तानी गतिविधि का पता चलता है एवं भारत भी अपनी तैयारी करने लगता है
26 मई 1999
भारतीय वायु सेना ने “ ऑपरेशन सफ़ेद सागर” शुरू किया और पाकिस्तानी सेना के ठीकानो पर हवाई हमले करना शुरू किया।
27 से 28 मई 1999
भारतीय सेना के तीन विमान मिग- 21, मिग-27 और एमआइ- 17 को पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया।
31 मई 1999
भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी ने पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालतों की घोषणा की।
1 जून 1999
पाकिस्तान ने लद्दाख़ के नेशनल हाइवे 1 पर गोलाबारी शुरू कर दीं।
5 जून 1999
भारत ने तीन पाकिस्तानी सैनिकों से पाकिस्तानी दस्तावेज प्राप्त किए जो सीधे तौर पर इस युद्ध में पाकिस्तान की भागीदारी बता रहे थे।
9 जून 1999
भारतीय सेना ने दो बाटालिक पर क़ब्ज़ा कर लिया था ।
10 जून 1999
पाकिस्तान ने जाट रेजिमेंट के भारतीय सेना के 5 शवों को वापिस लौटाया।
11 जून 1999
भारत ने एक और सबूत पेश किया जिसमें पाकिस्तान की परवेज़ मूसरफ और घुसपैठी के बीच बातचीत के सबूत थे।
13 जून 1999
भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी जी ने kargil गए और भारतीय सैनिकों को सम्बोधित किया।
भारतीय सेना ने टोलोलिंग पर फिर से क़ब्ज़ा कर लिया।
पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्यवाही की पर भारतीय सेना ने उनको वहाँ से भगा दिया।
15 जून 1999
तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से kargil से अपनी सेना को हटाने को कहा।
29 जून 1999
संघीय सरकार के विरोध से पाकिस्तान की सेना भारत प्रशासित कश्मीर से पीछे हट गई।
4 जुलाई 1999
भारतीय सेना ने फिर से टाइगर हिल पर क़ब्ज़ा कर लिया ।
5 जुलाई 1999
अमेरिका के राष्ट्रपति से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने मुलाक़ात करके पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना को वापिस बुला लिया।
12 जुलाई 1999
पाकिस्तान ने पूरी सेना को वापिस बुला लिया और नवाज़ शरीफ़ ने भारत से बातचीत का प्रस्ताव रखा।
14 जुलाई 1999
प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी ने “ऑपरेशन विजय” को सफल घोषित किया और पाकिस्तान पर कुछ शर्तों के साथ बात करने का प्रस्ताव रखा।
26 जुलाई 1999
Kargil war अधिकारिक रूप से समाप्त हों गया।
भारतीय सेना युद्ध में विजय रही।
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कितने सैनिक शहीद हुए थे kargil war में।
क़रीब 18 हज़ार फ़ीट की ऊँचाई पर लड़े गए kargil युद्ध में लगभग 527 जवान शहीद हुए थे और करीब 1300 से ज़्यादा घायल हुए। युद्ध में लगभग 2700 मारे गए। 250 पाकिस्तानी सैनिक युद्ध मैदान छोड़ कर भाग गए।
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